गोरखनाथ वशीकरण टोटके

गोरखनाथ वशीकरण टोटके

गोरखनाथ वशीकरण टोटके

गुरु गोरखनाथ मंत्र साधना, गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि, गोरखनाथ शाबर मंत्र, गुरु गोरखनाथ के मंत्र- ग्यारवहीं शताब्दी के प्रसिद्ध गुरू गोरखनाथ नाथ सम्प्रदाय के पर्वतक थे। उनके द्वारा रचित प्रसिद्ध शाबर मंत्र तंत्र मार्गियों के लिए किसी थाती से कम नहीं। महान योगियों की श्रृंखला में उनका नाम अत्यधिक सम्मान से लिया जाता है। उनका मंदिर उत्तर  प्रदेश के गोरखपुर में स्थित है तथा उन्ही के नाम पर उस शहर का नाम रखा गया। इसके अलावा नेपाल में भी एक जिले का नाम गोरख है। वहां एक गुफा में गुरू गोरखनाथ के चरण चिन्ह है तथा वहां उनकी प्रतिमा भी स्थापित है। यहां प्रतिवर्ष वैशाख पूर्णिमा का मेला लगता है।

गोरखनाथ वशीकरण टोटके
गोरखनाथ वशीकरण टोटके

वशीकरण हेतु आज उनके द्वारा रचित मंत्र ही ज्यादातर प्रयोग में लाए जाते हैं। इन मंत्रों की विशेषता है कि ये स्वतः सिद्ध हैं। इन्हें खास विधि-विधान से सिद्ध करने की जरूरत नहीं पड़ती। इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। यथा कुछ मंत्र के अंत में गुरू गोरख नाथ का नाम होता है, परंतु कहीं सिर्फ फुरौ मंत्र इश्वरी वाचा कहा जाता है। उनके मंत्रों का इस्तेमाल करने से पूर्व स्मरण रखें इनकी रचना उस महान पुरूष द्वारा की गई है, जो स्वयं विषय-वासना से कोसो दूर था। इसलिए इनका इस्तेमाल किसी को कठपुतली की तरह नचाने के लिए न करके अपने जीवन को उन्नत व खुशहाल बनाने के लिए ही करें। मान्यता है, कि गुरू गोरखनाथ मंत्रों का उच्चारण रात में करना चाहिए।

गोरखनाथ के शाबर मंत्र

गुरू गोरखनाथ ने अपने जीवनकाल में हजारो मंत्रों की रचना की। परंतु उनका शाबर मंत्र अत्यधिक प्रसिद्ध है। इसके पीछे संभवतः यह भी कारण हो सकता है कि सभी शाबर मंत्र जन साधारण की बोली में रचे गए हैं। धर्मग्रन्थों के कठिन शब्द मात्र प्रकाण्ड विद्वान ही समझ सकते हैं। परंतु शाबर मंत्र में कही गई बात हर कोई आसानी से समझ सकता है। इसके अलावा इन्हें सिद्ध करने के लिए भारी भरकम अनुष्ठान की आवश्यकता   नहीं पड़ती। गुरू गोरखनाथ द्वारा रचित कुछ प्रसिद्ध शाबर मंत्रों का विवरण तथा उपयोग विधि निम्नलिखित है-

बज्र में कोठा बज्र में ताला, बज्र में बंध्या दस्ते द्वारा

जहां बज्र का लगे किवाड़ा, बज्रमें चौखट  बज्र में कील

जहां से आए , वहीं को जाए , जिसने भेजा, उसी को खाए

हमको फिर न मुंह दिखाए, हाथ को, नाक को, सिर को

पीठ को , कमर को , छाती को , जो जख्म पहुँचाए

तो फुरे गुरू गोरखनाथ की आज्ञा

मेरी भक्ति, गुरू की शक्ति, फुरौ मंत्र इश्वरो वाचा।

यदि कोई लंबे समय से बीमार चल रहा हो तो उस पर यह मंत्र प्रयोग करें,वह शीघ्र ही स्वस्थ हो जाएगा।

गोरखनाथ प्रयोग विधि:  सात कूएं से अथवा सात नदी से अथवा सात तालाब से जल लेकर आएं, इस मंत्र को पढ़ें  तथा उक्त जल से पीड़ित को स्नान करवा दें। ऊपरी बाधा, भूत-प्रेत, वशीकरण आदि का समस्त प्रभाव समाप्त हो जाएगा।

जती गोरख मच्छेंदर का चेला, शिव अवतार दिखे अलबेला

कानन कुण्डल गले में नादी, हाथ त्रिशूल नाथ है आदि|

अलख पुरूष को करूं आदेश, सात के काटो क्लेश

भगवा भेष औ हाथ में खप्पर,

भैरव शिव का चेला, जहां-जहां जाए

वहाँ लगे मेला

गोरख तापे शिव का धुना, काल-कंटक थरथर कांपे

मेरी रक्षा करे नवनाथ

राम-दूत हनुमान ऋिद्धि सिद्धि आंगन विराजे

माता अन्नपूर्णा सुखवंत शब्द सांचा, पिंड काँचा

फुरौ मंत्र इश्वरी वाचा

गोरखनाथ वशीकरण विधि: यह सर्व मनोकामना सिद्धि मंत्र है। इसका जाप नित्य 11 बार करने से सभी लौकिक सुख प्राप्त होते हैं। इस मंत्र के पाठ करके हृदय से कामना करने पर मनोवांछित नौकरी, आर्थिक सुख समृद्धि, परिवार में शांति प्राप्त की जा सकती है|

ओम नमो आदेश गुरु की

इश्वर वाचा अजरी बजरी बाड़ा/बजरी में बजरी बांधा/दसो द्वार छावा और के घालो तो पलट वीर उसी को मारय/ पहली चौकी गणपति की/दूसरी हनुमंत/तीसरी चौकी भैरव/चौथी चौकी रक्षा करण आवे नरसिंह देव/शव्द साँचा पिंड काँचा/ है बचन गुरु गोरखनाथ का जुग जुग साचा/ फुरौ मंत्र ईश्वरी वाचा|

प्रयोग विधि : उपर्युक्त मंत्र में वर्णित देवी देवताओं में से किसी एक के मंदिर अथवा उनके विग्रह के समक्ष अथवा उनके चित्र के समक्ष प्रतिदिन 108 माला जाप 21 दिनों तक करें| इस प्रकार यह शाबर मंत्र सिद्ध हो जाता है| यह एक बहु उपयोगी मंत्र है| इस मंत्र का निम्नलिखित परिस्थितियों में उपयोग किया जा सकता है –

  • भूत-प्रेत से बचाव हेतु रात को सोने से पहले यह मंत्र पढ़ने के बाद बिस्तर के चारो ओर महीन सी रेखा खींच दें और उसके भीतर आराम से सो जाए| अभिमंत्रित रेखा कवच का काम करती है|
  • यदि किसी बच्चे को नज़र लग जाए तो इस मंत्र को पढ़ते हुए मोरपंख से झाड़ने पर नज़र दोष उतर जाता है|
  • यदि ऊपरी हवा के कारण कोई लंबे समय से बीमार हो, कारोबार मंदा चल रहा हो, भूत-प्रेत बाधा हो तो पीड़ित व्यक्ति के घर में जितने दरवाजे हों उतनी कीलें ले ले, उस पर सिंदूर और तेल मिलाकर लगा दें, इसके बाद जितने कमरे हो प्रत्येक कमरे के लिए दस-दस ग्राम उड़द लेकर सभी पर सात-सात बार उपर्युक्त मंत्र को पढ़कर फूँक मारें| अब सभी कमरे में अभिमंत्रित उड़द के दाने छींट दें तथा दरवाजों पर कील ठोंक दें| वह घर ऊपरी बाधा से मुक्त हो जाएगा|

गुरु गोरखनाथ के मंत्र/टोटके/उपाय

  1. पान के पत्तों में डंठल होता है, उसे तोड़कर घिस लें तथा तिलत लगांए। ऐसा करने से सम्बंध में मधुरता आती है।
  2. यदि पति दूसरी स्त्री के फेर में फंस गया हो, तो ओम काम मालिनी ठः ठः स्वाहा! म्ंात्र का जाप करें।
  3. यदि नौकरी के लिए साक्षात्कार का बुलावा हो तो जाने से पहले ख् सहदेवी के पौधे का रस निकाल लें तथा उसमें तुलसी के बीच का चूरा मिलाकर तिलक लगाएं।
  4. हरताल और सफेद दुर्वा को पीसकर तिलक लगाएं। ऐसा करने से कारोबार में वृद्धि होती है।
  5. केले के रस में कपूर और मैन्सिल मिलाकर तिलक करें तथा बॉस के समक्ष जाएं। वह वशीभूत हो जाएगा तथा आपके हित में फैसले लेगा।

6- गोरख नाथ के शाबर मंत्र ही नहीं उनका स्मरण भी अनेक समस्याओं से मुक्ति देता है|‘ओम चेतन्य गोरखनाथ नमः’ छोटे बच्चो को नज़र दोष से बचाने के लिए यह मंत्र ग्यारह बार पढ़कर उसके पालने के चारो ओर छींट दें| उसे नज़र नहीं लगेगी| घर में कलह मची हो, बरकत नहीं हो रही हो तो इस मंत्र को 108 बार पढ़कर जल अभिमंत्रित कर लें तथा पूरे घर में सिक्त कर दें| घर में शांति स्थापित हो जाएगी|